नूंह में हुई हिंसा के लिए खुफिया विभाग, पुलिस और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. स्थिति को काबू में करने के लिए उपद्रवियों को समय पर हिरासत में लेने में नाकामी को लेकर पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी बीच दुकानों में “हिंदू कारीगरों” के पोस्टर लगाए जा रहे हैं.