भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर एक बार फिर समझौता हुआ है. उरी सेक्टर में एलओसी पर दो दिनों से गोलियों की आवाजें नहीं चल रही हैं. बाशिंदों को अमन की आस के साथ पुराने जख्म भरने की उम्मीद है. उरी के बालकोट गांव में डार परिवार अभी भी डर के साये में जी रहा है. कुछ दिनों पहले डार की पत्नी एक मोर्टार की चपेट में आई और उसकी तुरंत मौत हो गई. डार ने दावा किया है कि ये गोलाबारी कभी नहीं रुकने वाली. लेकिन वे चाहते हैं कि गोलाबारी में उनके परिवार को फिर कोई जख्म न मिले, न कोई इस कारण अपाहिज हो जाए.
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