भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा मानवीय सैन्य अभियान चला, जहाँ बंदूकें कुछ देर के लिए रुकीं और माँ की पुकार ने युवाओं को आतंकवाद छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इस एक्सक्लूसिव पॉडकास्ट में हमारे साथ हैं लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों (सेवानिवृत्त) ऑपरेशन माँ के प्रमुख रणनीतिकार। इस बातचीत में जानिए ऑपरेशन माँ की असली प्रेरणा क्या थी कैसे एक माँ की आवाज़ बंदूक की आवाज़ से ज़्यादा असरदार साबित हुई।कितने युवाओं ने आतंक का रास्ता छोड़ घर की ओर रुख किया? आज की युवा पीढ़ी के लिए संदेश क्या है?