अमेरिका के बोस्टन में जारी की गई स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में हमारे देश में ढाई लाख लोगों की मौत फेफड़े की बीमारी के कारण हो गई. देश में सड़क हादसे के मुकाबले वायु प्रदूषण से ज्यादा मौतें हो रही हैं. इसी साल 17 जनवरी, को एक और रिपोर्ट प्रकाशित हुई कि भारत में हर साल 12 लाख लोग वायु प्रदूषण से मारे जाते हैं. हालांकि विभिन्न रिपोर्टों में इस बारे में आंकड़े अलग-अलग हैं, लेकिन सबसे गौर करने वाली बात यह है कि दुनिया में 92 फीसदी आबादी ऐसी जगहों पर रहती है, जहां हवा सांस लेने लायक नहीं है.