इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलेरीज साइंसेज (आईएलबीएस) के निदेशक डॉ एसके सरीन के नेतृत्व में प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल हुआ है. डॉ सरीन ने कहा कि अभी थैरेपी के मामले में शुरुआत भर है. डॉक्टर सरीन ने बताया कि कोरोना को मात देने वाले व्यक्ति के प्लाज्मा का इस्तेमाल कोरोना से संक्रमित उन मरीजों को ठीक करने में किया जा सकता है जो कि गंभीर स्थिति में हैं. प्लाज्मा डोनेट करने से शरीर में दोबारा प्रोटीन बन जाते हैं. प्लाज्मा डोनेट करने वाले के लिए कोई खतरा नहीं है, वह दोबारा भी डोनेट कर सकता है.