बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा, जिसे विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, मंगलवार को देशभर में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण, उसके बेटे मेघनाद और भाई कुंभकर्ण के बड़े-बड़े पुतले जलाए गए तथा इन कार्यक्रमों में आम लोगों के साथ-साथ राजनीतिक नेताओं ने भी भाग लिया. आइए देखते हैं एक स्टोरी जो सौहार्द की मिसाल! की तरह है.