महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास विभाग के अनुसार पालघर में बच्चों में कुपोषण एक आम बात है. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन में कुपोषण में 2% की वृद्धि देखी गई है. पालघर में बच्चे कमज़ोर हैं क्योंकि उन्हें उचित पौष्टिक भोजन नहीं मिलता है. लॉकडाउन के कारण बच्चों के माता-पिता नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.