इस साल मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान है. मौसम विभाग ने बताया कि औसत की 97 फ़ीसदी बारिश होने के आसार हैं. किसानों के लिए ये राहत की ख़बर है. हालांकि पिछले कुछ सालों से देश में सूखे और बाढ़ का साझा कहर खेती को तबाह करता रहा है. महाराष्ट्र में गर्मी के महीनों में सूखे का प्रकोप बढ़ जाता है और इसका असर राज्य के लाखों किसानों पर पड़ता है. सबसे ज्यादा सूखे का असर राज्य के बीड इलाके में होता है लेकिन अब यहां के किसानों ने खुद सूखा से लड़ने का फैसला किया है.