Maha Kumbh 2025: सहस्राब्दियों से चला आ रहा नदियों का संगम और सहस्राब्दियों से उसमें डुबकी लगा रहा एक विराट भारत- वह भारत, जो किसी नक्शे में नहीं समाता, किसी इतिहास में नहीं अटता, जो स्मृति के पार जाता है, जो व्याख्याओं को झटक देता है, जो एक उदात्त भावना का नाम है- वह भावना जो सदियों से नदियों, पर्वतों और जंगलों में जाकर अपने प्रायश्चित उलीच आती है, अपने भीतर बसे देवताओं का पुनर्संस्कार करती है और खुद को पुनर्नवा करती है।