पेशावर में स्कूली बच्चों के कत्ल के खिलाफ हिन्दुस्तान के सबसे पुराने मदरसे दारुल उलूम फिरंगी महल में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। हमले से हताश मदरसे के मुफ़्ती ने यह भी कहा कि मासूम बच्चों के क़ातिल मुसलमान नहीं हो सकते, क्योंकि इस्लाम में इसकी इजाज़त ही नहीं है।