इसे विडंबना ही कहेंगे की पाकिस्तान से आए आतंकी द्वारा किए गए हमले में जिस सीआरपीएफ ने अपने 40 जवानों को हमेशा के लिए खो दिया उसे ही अब पाकिस्तान उच्चायोग की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. खास बात यह है कि सीआरपीएफ के जवान इस हमले के बाद भी पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी करने में लगे हैं.