बजट से शेयर बाज़ार में निवेश करने वालों को राहत मिलने की जगह मायूसी मिली है. शॉर्ट टर्म केपिटल गेन टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई है. जबकि इस बार लॉन्ग टर्म केपिटन गेन टैक्स भी लगा दिया गाया है. इसका सीधा मतलब ये है कि कोई शेयर एक साल से ज़्यादा वक़्त से आपके पास है और आपको उससे एक लाख से ज़्यादा मुनाफ़ा होता है तो 10 फ़ीसदी टैक्स देना होगा. वहीं, युवाओं को लुभाने के लिए इस साल 70 लाख नौकरी देने का दावा किया गया है. आखिरी बजट में सरकार युवाओं को खींचने की कोशिश कर रही है पर छात्र सवाल कर रहे हैं कि फिर सरकार ने हाल ही में 5 साल से खाली पड़ी 5 लाख नौकरियों को खत्म करने का फैसला क्यों किया?