नरेंद्र मोदी सरकार ने कुछ कड़े आर्थिक फैसले लिए. लेकिन साथ में यह भी नहीं भूलना चाहिए कि नरेंद्र मोदी की सरकार यह कह कर बनी कि अच्छे दिन के लिए आप हमें वोट दें. इस वर्ष जो बजट सरकार ने पेश किया है, उसे चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है जो अमूमन होता ही है. इस बार के बजट का लक्ष्य ग्रामीण भारत की तरफ ज्यादा नजर आ रहा है जबकि पिछले दो दशकों में देश में मध्यवर्ग तेजी से बढ़ा है जो शादय इस बजट से निराश होगा. तो क्या इस बजट के जरिए मोदी सरकार संतुलन बनाने में कामयाब होगी? मुकाबला में देखिए इसी मुद्दे पर चर्चा.