40 साल से भी ज़्यादा वक्त तक दुकान में काम करने के बाद उन्होंने बाज़ार का रूप बदलते देखा, और उसी के बाद उन्हें माल को सजाने और बेचने के नए तरीके अपनाने की प्रेरणा मिली.