क़ानून का जलाल यानी क़ानून का प्रताप क्या होता है, ये लगता है जैसे इन दिनों महसूस ही नहीं हो रहा. देश के तमाम राज्यों से जिस तरह की ख़बरें आ रही हैं ख़ासतौर पर महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध से जुड़ी ख़बरें, वो बैचेन करती हैं. लगता है जैसे क़ानून का जलाल का ख़त्म होता जा रहा है अपराधियों के मन में उसका डर है ही नहीं उनका दुस्साहस बढ़ता जा रहा है.