दिल्ली पुलिस टूल किट मामले (Tool Kit) में आरोपियों के बीच की कड़ियां जोड़ने में जुटी है. केस में दिशा रवि, शांतनु और निकिता जैकब के अलावा पीटर फ्रेडरिक और भजन सिंह भिंडर, एमओ धालीवाल समेत कई किरदार सामने आए हैं. सुप्रीम कोर्ट की वकील करुणा नंदी का कहना है कि हर केस में अपनी पुलिस थ्योरी पेश करती है. इस केस में बातें बहुत की जा रही हैं, सबूत काफी कम है. हमें जांच परखकर दर्शकों के सामने बातें रखना अहम है. इतने बड़े आंदोलन में कुछ खालिस्तानी के साथ सहानुभूति करने वाले जुड़ जाएं तो पूरा मूवमेंट उनका नहीं हो जाता. सुप्रीम कोर्ट के वकील विकास सिंह का कहना है कि इस तरह की गिरफ्तारी दहशत कायम करने की कोशिश है. किसानों के समर्थन या विरोध में ट्वीट करने की जांच कराना केंद्र या महाराष्ट्र सरकार की कोशिशें गलत हैं.किसी ट्वीट को खालिस्तान समर्थन से जोड़ने की यह कोशिश बड़ी अराजकता पैदा कर देगी. इससे हर व्यक्ति ट्वीट करने के पहले सौ बार सोचेगा. ट्वीट को देश के अस्थिर करने के प्रयास से जोड़ना बड़ी चुनौती है.