किसान आंदोलन (Farmers Movement) के 100 दिन पूरे हो रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं (Delhi Borders) पर किसान अभी बैठे हैं. इस आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) के मुताबिक, अलग-अलग कारणों से 248 लोगों की जान गई है. दुनिया भर की मीडिया में सब कुछ आ चुका है दिख चुका है. देश-विदेश में इसकी बात हो चुकी है. किसानों की सरकार के साथ कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा से मामला और बिगड़ गया. इधर, किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सीमाओं से अक्टूबर तक तो नहीं हटेंगे, बिना तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द कराए यहां से नहीं जाएंगे. 6 तारीख यानी कल आंदोलन के 100 दिन होने के मौके पर किसान कुंडली मानेसर पलवल या केएमपी एक्सप्रेसवे 5 घंटे के लिए 11:00 बजे सुबह से शाम 5:00 बजे तक बंद करेंगे. कुछ कार्यक्रम भी होंगे लेकिन क्या इस सबसे सरकार के स्टैंड पर कोई फर्क पड़ेगा, किसानों के लिए अब आखिर आगे का रास्ता क्या है?