जयपुर में दो मुस्लिम महिलाओं ने काज़ी की ट्रेनिंग ली है। मुस्लिम धर्म के मुताबिक काज़ी का काम एक जज की तरह काम करना है, लेकिन इन महिलाओं को काज़ी के तौर पर काम करने देने के रास्ते में ख़ुद मौलाना आ गए हैं। उनका कहना है कि महिलाएं जितना चाहें पढ़ाई कर लें, लेकिन सामाजिक मामलों का फ़ैसला नहीं कर सकतीं।