इस साल हिन्दुस्तान ने महात्मा गांधी की 146वीं जयंती मनाई। इस मौके पर ये सोचने की जरूरत और बढ़ गई है कि क्या अहिंसा जैसे लफ्ज हमारे लिए पराए हो गए हैं। गांधी जी मानते थे कि सांप्रदायिक फसाद अंग्रेजों की देन है और उनके जाने से यह खत्म हो जाएंगे। लेकिन सांप्रदायिकता आज हमारे समाज की सच्चाई है। हम लोग में बात सांप्रदायिक फसाद और गांधी की प्रासंगिकता पर।