फेडरेशन ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) की अध्यक्ष डॉ एस शांता कुमारी कहती हैं, "दुर्भाग्य से, लड़कियों को जन्म से पहले ही हिंसा का शिकार होना पड़ता है. चाहे वह गर्भपात हो, शिशुहत्या या गर्भवती महिला की इस वजह से पिटाई हो क्योंकि उसे एक लड़की हो सकती है. यहां तक कि जब लड़की बड़ी हो रही है तब भी, हम बालिकाओं के खिलाफ अनाचार और शारीरिक हिंसा की घटनाएं देखते हैं,'' राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 पर, डॉ एस शांता कुमारी बताती हैं कि कैसे हिंसा एक लड़की के स्वास्थ्य पर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से नकारात्मक प्रभाव डालती है.