काबुल का गुरुद्वारा अफगानिस्तान में फंसे भारतीय लोगों के लिए पनाहगाह बन चुका है. भारत से अफगानिस्तान नौकरी करने गए लगभग 31 भारतीयों ने इसी गुरुद्वार में शरण ली है. यहां पहले से ही लगभग 300 अफगानी सिख और हिंदू परिवार शरण लिए हुए हैं, जो भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए गुहार लगा चुके हैं.