NDTV Khabar

प्राइम टाइम : क्या मणिपुर, गोवा में कांग्रेस के साथ नाइंसाफी हुई?

 Share

भारतीय राजनीति में सब कुछ है बस एक तराजू नहीं है, जिस पर आप नैतिकता तौल सकें. चुनाव बाद की कोई नैतिकता नहीं होती है. राज्यपाल के बारे में संविधान की जितनी धाराएं और उनकी व्याख्याएं रट ले, व्यवहार में राज्यपाल सबसे पहले अपनी पार्टी के हित की रक्षा करते हैं। यही हम कई सालों से देख रहे हैं, यही हम कई सालों तक देखेंगे. राज्यपालों ने संविधान की भावना और आत्मा से खिलवाड़ न किया होता तो कर्नाटक, बिहार, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मामले में अदालत को राज्यपाल के फैसले पलटने नहीं पड़ते.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com