जब स्वदेशी जागरण मंच भारतीय रिज़र्व बैंक को सलाह देने लगे कि उसे क्या करना है तो इसका मतलब सही है कि भारत में ईज़ ऑफ डूईंग वाकई अच्छा हो गया है. नोटबंदी के समय नोटों की गिनती में जो लंबा वक्त लगा, रिज़र्व बैंक ने सामान्य रिपोर्ट में नोटबंदी पर दो चार लाइन लिख दी, तब किसी को नहीं लगा कि उर्जित पटेल को इस्तीफा दे देना चाहिए। बल्कि तब रिज़र्व बैंक को भी नहीं लगा कि सरकार हस्तक्षेप कर रही है.