Vijayadashami 2025: देशभर में कल दशहरे का जश्न मनाया गया. शाम ढलते ही देश के कोने-कोने में रावण के पुतलों का दहन होने लगा. आतिशबाज़ियों की गूंज, श्रीराम के जयकारे और आग की लपटों में सिमटती बुराई. हर साल की तरह इस बार भी दशहरा अच्छाई की जीत का साक्षी बना. अबकी बार रावण सिर्फ बुराई से नहीं, बादलों से भी हार गया. हर साल दशहरे पर जब शाम ढलने लगती है, तो आसमां में आतिशबाज़ियों की चमक और धूमधड़ाका, मैदानों में रावण के जलते पुतलों की लपटें दिखाई देती हैं, लेकिन इस दफा इंद्रदेव की मेहरबानी की वजह से रावण जलने से पहले ही गल गया. लेकिन फिर भी रावण का पुतला धू-धू कर जला.