चैंपियन ऑफ़ द अर्थ की नाक के नीचे आज एक और अनर्थ हो गया. अपने जीवन काल में गंगा को साफ होते देखने की चाह रखने वाले प्रो जीडी अग्रवाल का निधन हो गया. 17 साल तक आईआईटी कानपुर के सिविल एंड एन्वायरेन्मेंटल इंजीनियरिंग पढ़ा चुके प्रो अग्रवाल ने न जाने कितने छात्रों को इस विषय के प्रति जागरूक किया. मीडिया और राजनीति को भी गंगा के बारे में बताया. वह गंगा के लिए भागीरथ बन कर आए थे, मगर राजनीति और सिस्टम की उदासीनता ने उनकी जान ले ली. समाज भी उदासीन ही रहा. आईआईटी कानपुर का प्रोफेसर, 86 साल की उम्र में 111 दिनों का उपवास करे, उस गंगा को लेकर जिसके बहाने राजनीति और मीडिया दो मिनट में हिन्दू मुसलमान कर दे, लेकिन एक ईमानदार प्रयास के साथ कोई नहीं आया. न गंगा बची न जीडी अग्रवाल बच सके. 111 दिन के अनशन के बाद दम तोड़ दिया. 22 जून से अनशन पर थे और अपनी मांग ना माने जाने पर उन्होंने मंगलवार रात से जल भी त्याग दिया था.