चुनाव आयोग ने चुनावी बॉन्ड (Electoral bond) पर राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा को रविवार को जारी किया. यह वही डेटा है जिसे चुनाव आयोग की तरफ से सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दिया गया था. माना जा रहा है कि ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि के हैं. इस तिथि के बाद के चुनावी बॉन्ड विवरण पिछले सप्ताह चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए थे. चुनाव आयोग ने आज एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने डेटा सीलबंद लिफाफे में वापस कर दिया है. जिसके बाद इसे आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद डेटा जारी किया है.