कांग्रेस हो या बीजेपी इस बार गुजरात चुनाव की बात जरा हटके है. अगर बीजेपी पार्टीदार आंदोलन या सत्ता विरोधी हवा को देखते हुए सावधानी बरत रही है, तो कांग्रेस अपनी तीन युवा और नए सहयोगियों के साथ संतुलन बनाने में जुटी हुई है. यहीं वजह है कि उन उम्मीदवारों के दिलों में भी बेचैनी है, जिन्हे मोटे तौर पर अपने टिकट को लेकर इत्मिनान होना चाहिए था.