कुछ दिनों में मॉनसून की बारिश होने लगेगी और कहीं कहीं से बाढ़ की ख़बरें आने लगेंगी. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भारत में पानी का संकट कम हो जाएगा. बारिश के दौरान भी देश के कुछ हिस्सों में सूखा रहता ही है. पानी का संकट तेज़ी से हमारे करीब आ रहा है. आप भले टीवी पर नहीं देख पा रहे हैं लेकिन गांव-गांव पानी के संकट के कारण खाली हो रहे हैं. कहीं कहीं जल संरक्षण के काम भी हो रहे हैं. आज से और अभी से पानी को लेकर कुछ नहीं किया गया तो बोतल का पानी भी एक दिन नहीं मिलेगा. नीति आयोग की रिपोर्ट कह रही है कि 60 करोड़ भारतीय गंभीर जल सकंट से गुज़र रहे हैं. यानी भारत की आधी आबादी पानी के गंभीर संकट से घिरी हुई है. साफ पानी नहीं मिलने के कारण हर साल दो लाख भारतीय मर जाते हैं. हर दिन साफ पानी के कारण भारत में 547 लोग मर जाते हैं. क्या ये आंकड़े काफी हैं पानी को लेकर कुछ करने के लिए या अभी हम इंतज़ार करेंगे कि हर दिन 1000 लोग मरेंगे तब कुछ करेंगे. 2030 का साल आते आते पानी का संकट और गहरा हो जाएगा. सोचिए इस संकट के रहते क्या हमारी कोई भी उपलब्धि बताने या गाने लायक हो सकती है.