सोशल मीडिया पर फैलता अफवाहों का जाल समाज के ताने-बाने को बुरी तरह से तहस-नहस कर रहा है. लोग आंखें मूंद कर व्हाट्सऐप या ऐसे ही दूसरे प्लेटफॉर्मस पर आई झूठी बातों, फर्जी खबरों और अफ़वाहों पर भरोसा कर एक-दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं. शरारती और असामाजिक तत्व सोशल मीडिया की व्यापक पहुंच का फायदा उठा कर समाज में अशांति और गड़बड़ी फैलाने के लिए कर रहे हैं. देश का सांप्रदायिक माहौल खराब करना, झूठे प्रचार के ज़रिए किसी राजनीतिक पार्टी के समर्थन में माहौल तैयार करना या फिर गांव-कस्बों में अपरिचित या बाहरी लोगों के खिलाफ बच्चा चोरी की अफवाह फैला कर भीड़ की हिंसा यह सब इन प्लेटफॉर्म के जरिए हो रहा है.