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रवीश कुमार का प्राइम टाइम: प्रदूषण पर 2015 में याचिका दायर करने वाले वकील से खास बातचीत

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दिल्ली सरकार से भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त सवाल किए. पूछा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए कुछ नहीं किया. 3000 बसें लाने की बात कही गई थी मगर आईं सिर्फ 300. एयरपोर्ट के मेट्रो में कोई सफर नहीं करता. सुप्रीम कोर्ट ने ऑड ईवन को लेकर तर्क और आंकड़े की मांग की है. पहले के सम-विषम स्कीम के आंकड़ों का ब्यौरा क्या है. कार पुल यानी एक कार में चार लोग यात्रा करें तो सरकार को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा कि दिल्ली में इंडस्ट्री और खुले में कचरा जलाने से 60 प्रतिशत प्रदूषण होता है और कोर्ट के आदेश के बावजूद निर्माण कार्य चलता रहता है. बिजली चले जाने से जब जनरेटर चलता है तो धुआं निकलता ही है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में अगले आदेश तक के लिए डीजल जनरेटर पर बैन लगा दिया है. निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली पंजाब हरियाणा और यूपी में बिजली न कटे ताकि लोग जनरेटर इस्तमाल न करें. आईआईटी कानपुर की एक रिपोर्ट है. दिल्ली में कोयले से जलने वाले तंदूर से भी प्रदूषण फैलता है. 2015 में ही अधिवक्ता सुधीर मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में इन सवालों को लेकर याचिका दायर की थी. सुधीर मिश्रा से एनडीटीवी के संवाददाता सुशील महापात्रा ने की बात.



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