करीब डेढ़ घंटी चली वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस से उम्मीद की जा रही थी कि लॉकडाउन में एमएसएमई के जिन कामगारों को वेतन नहीं मिल सका है उनके लिए कोई घोषणा की जा सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दरअसल छोटे मझोले उद्योगों की सरकार से मांग थी कि लॉकडाउन में जिन कामगारों को वेतन नहीं मिल सका है उनकी तनख्वाह सरकार दे. साथ ही इन उद्योगों को लोन पर ब्याज की राहत दी जाए और आगे आने वाले वक्त में लोन आसानी से मुहैया कराए जाएं. सरकार ने तीसरी मांग पर तो काम किया है लेकिन शुरू की दो मांगे अधूरी रह गई हैं. हालांकि सरकार ने नकदी की मांग को लेकर कुछ खास ऐलान किए हैं.