एक सरकारी आंकड़ा 5000 का है, एक 15000 का तो एक 25,000 का ... ये तीन आंकड़े दुनियां की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी में हुई मौत के हैं ... पहले असमंजस था आज आपराधिक लापरवाही कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा ... खासकर तब जब गैस रिसाव का दंश झेल रही 5000 से ज्यादा विधवा महिलाओं को हर 2-4 महीनों के बाद अपनी हक के पेंशन का फिर महीनों इंतज़ार करना पड़ता है ...