भोपाल गैस त्रासदी में विधवा हुईं महिलाओं से शिवराज सरकार ने पेंशन का हक छीन लिया है. ऐसे में भूख मिटाने के लिए कई वृद्ध विधवा महिलाओं को खाना मांगना पड़ रहा है. सरकार इन्हें कई बार आश्वासन दे चुकी है. लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया है. भोपाल गैस त्रासदी में विधवा हुईं महिलाओं की दिसंबर 2019 से पेंशन बंद है. इस बीच कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री चले गए. फिर बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए. इन महिलाओं ने हर सरकार में हर स्तर के आवेदन किये. विरोध दर्ज कराये. लेकिन पेंशन नहीं मिली. एनडीटीवी से बात करते हुए मध्य प्रदेश के मंत्री ने कहा, “गैस पीड़ित महिलाओं को भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय पेंशन मिलती थी. लेकिन कमलनाथ की सरकार ने आकर उस पेंशन को रोक दिया. ये पूरा प्रकरण हम दिखवा रहे हैं. हमरी कोशिश रहेगी कि ये पेंशन फिर से शुरू हो जाए. कमलनाथ की सरकार में हर समय अमीरों का साथ दिया गया. वो गैस पीड़ित विधवाएं जिनके सुहाग गुजर गए गैस कांड में, जिनका जीवन यापन मुश्किल है. उनकी पेंशन बंद कर कांग्रेस की सरकार ने असंवेदनशील काम किया है.”