देशभर में ऑटो सेक्टर में आई मंदी का असर अब चेन्नई में भी दिखने लगा है. यहां पर कार के पार्ट बनाने वाले छोटे कारोबारियों का काम बंद होने की कगार पर है. ऑटो सेक्टर में आई मंदी का असर चेन्नई में वॉल्व कंपोनेंट बनाने वाले जॉन पीटर पर साफ दिख रहा है. वो एक महीने में आठ लाख का काम कर लेते थे जो अब घटकर एक लाख रह गया है. निजी बैंक से लिया चालीस लाख रुपए का लोन चुकाना अब उनके लिए मुश्किल हो गया है. वो अपने तेरह कामगारों को अब तक हटा चुके हैं. अब बस एक ही शिफ्ट में काम हो रहा है, क्योंकि काम है ही बहुत कम. बाकी बचे कामगारों की भी महीने की आमदनी काफी घट गई है. चंद्र बोस को पहले हर महीने 18 हजार रुपए की आमदनी होती थी जो अब घटकर 12 हजार रह गई है. अब उन्हें डर है कि कहीं नौकरी ही ना चली जाए.