पुणे के भीमा कोरेगांव और उसके बाद महाराष्ट्र बंद के दौरान हुई हिंसा की ख़बरें अब धीरे-धीरे पीछे छूट रही हों, लेकिन दलित समाज के लिए परेशानी और डर बढ़ ही रहा है. सिर्फ़ दो जगहों से ही 45 युवा दलितों को अभी तक 3 जनवरी को बंद के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ़्तार किया जा चुका है... और सभी पर आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.