Supreme Court ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि Bulldozer Action असंवैधानिक है। अदालत ने कहा है कि किसी व्यक्ति का घर केवल इसलिए नहीं गिराया जा सकता है कि उस पर कोई आरोप लगा है। अदालत ने कहा कि आरोपों पर फैसला न्यायपालिका का काम है कार्यपालिका का नहीं। इस पर जमीयत उलमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Maulana Madani ) की प्रतिक्रिया आई है जिसमें उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है।