हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक कवायद शुरू की है... अदालत ये परीक्षण कर रहा है कि क्या मुस्लिम तलाकशुदा महिलाएं भी CRPC की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता लेने की हकदार हैं? इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता लागू होगी या पर्सनल लॉ प्रभावी होगा. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने न्याय मित्र भी नियुक्त किया है.