Air Turbulence: Tibet के पठार में ऐसा क्या है कि विमान वहां से गुज़रने से बचते हैं | Flight | Indigo

दुनिया में एक बड़ा इलाका तिब्बत का पठार... flightradar24.com पर आप कभी भी देखेंगे तो पाएंगे कि तिब्बत के पठार के ऊपर विमान नहीं उड़ रहे होंगे... उसके ऊपर या नीचे से होकर विमान आते या जाते दिखेंगे... इसकी वजह ये है कि क़रीब 25 लाख वर्ग किलोमीटर का तिब्बत का पठार काफ़ी ऊंचाई पर है... औसतन 4500 मीटर की ऊंचाई पर... यानी इसका एल्टिट्यूड काफ़ी ज़्यादा है... इसीलिए इसे दुनिया की छत यानी Roof of the world भी कहा जाता है... इतनी ऊंचाई पर होने के कारण यहां हवाएं बहुत तेज़ चलती हैं... आंधी तूफ़ान आते रहते हैं... इसके अलावा इस ऊबड़ खाबड़ इलाके के ऊंचाई पर होने से यहां हवा भी काफ़ी विरल होती है जिसका असर विमानों के इंजन पर पड़ सकता है... जेट इंजन्स के काम करने के लिए हवा का घनत्व एक निश्चित मात्रा से ऊपर होना चाहिए... लेकिन इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन कम होने से जेट इंजन की परफॉर्मेंस काफ़ी घट जाती है... इससे इंजन फेल हो सकता है... इसके अलावा इस पूरे इलाके में एयरपोर्ट भी ना के बराबर हैं जहां किसी इमरजेंसी की स्थिति में विमान उतर सके... न ही एयर ट्रैफ़िंक कंट्रोल से जुड़ी सुविधाएं इस इलाके में हैं...

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