विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे अपनी उम्र के शुरुआती दौर में जिस तरह से लैंगिक रूढ़ियों पर विश्वास करने लगते हैं, वो उनके व्यवहार, आत्मसम्मान और संबंधों पर असर डालते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि पहला चरण अपने बच्चों को लैंगिक रूढ़ियों से दूर रखकर पालने का यही है कि आप स्वयं लिंग संबंधी रूढ़ियों से दूर रहें.