प्राइम टाइम इंट्रो : सैनिकों के साथ पाकिस्तान की बर्बरता
प्रकाशित: मई 01, 2017 09:00 PM IST | अवधि: 8:47
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किसी भी सैनिक के शव के साथ बर्बरता करना अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन माना जाता है. इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेडक्रॉस के मुताबिक सैनिकों के शवों के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, इसे सबसे पहले क़ानून के तौर पर 1907 में हेग कन्वेंशन में अपनाया गया. इसे बाद में जेनेवा कनवेंशन में भी शामिल किया गया. इसी मसले से जुड़े 1880 के ऑक्सफोर्ड मैनुअल के मुताबिक युद्ध के मैदान में पड़े हुए शव के साथ बर्बरता पर पूरी तरह पाबंदी है. लेकिन पाकिस्तान को लगता है कि उसे इन क़ानूनों की परवाह नहीं. ऐसा पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ने किसी भारतीय सैनिक के शव के साथ ऐसा बर्बर व्यवहार किया हो.