उत्तराखंड : रुद्रप्रयाग में स्वरोजगार प्रशिक्षण से महिलाएं हो रहीं आत्‍मनिर्भर, मिल रही आर्थिक मजबूती

पुराने विकास भवन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान(आरसेटी) द्वारा जनपद के तीनों विकासखंडों से आई 32 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसका मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है.

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  • उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में सरकार की स्वरोजगार योजनाओं के तहत महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है
  • ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में 32 महिलाओं को सिलाई के लिए एक महीने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है
  • प्रशिक्षण में कपड़ों की कटिंग, सिलाई और मशीनों का उपयोग सिखाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास जारी
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रुद्रप्रयाग:

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में सरकार द्वारा चलाई जा रही स्‍वरोजगार परक योजनाओं से महिलाएं सशक्‍त होने के साथ आत्‍मनिर्भर बन रही हैं. जनपद रुद्रप्रयाग में सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार परक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे महिलाएं अपने गांव, क्षेत्र में ही रोजगार के साथ-साथ आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का काम कर रही हैं.

पुराने विकास भवन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान(आरसेटी) द्वारा जनपद के तीनों विकासखंडों से आई 32 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसका मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. आरसेटी के निदेशक किशन रावत ने बताया कि सरकार के योजनाओं के माध्यम से महिलाओं, युवतियों के लिए एक महीने का सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें स्‍वावलंबी बनाना है.

मास्टर ट्रेनर वीरेंद्र, किरण मौर्य ने कहा कि सिलाई प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को विभिन्न प्रकार के कपड़ों की कटिंग, सिलाई, मशीनों की जानकारी दी जा रही है, जबकि महिलाओं ने प्रशिक्षण के दौरान स्कूली ड्रेस, ब्लाऊज, सीट आदि को बड़े अच्छे तरीके से सिलकर तैयार किया है.

वहीं, प्रशिक्षण ले रही युवतियों और महिलाओं ने भी अपने अनुभवों को साझा किया है. मास्टर ट्रेनर दीपिका मौर्य ने बताया कि मैं यहां एक महीने का प्रशिक्षण देने आई हूं. महिलाएं और छात्राएं यहां दूरदराज से प्रशिक्षण के लिए आई हैं. इन महिलाओं को सिलाई, तुरपाई से लेकर सूट बनाना सिखाया जा रहा है. इसे सीखने के बाद यह अपने जीवन को सरल बना सकती हैं. सिलाई सीखना कला है और आज के दौर में जरूरत बन गई है. महिलाएं घर में रहते हुए सिलाई से अपने जीवन स्‍तर को बेहतर बना सकती हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बन सकती है.

प्रशिक्षु सुधा ने बताया कि वह आरसेटी में एक महीने से सिलाई सीख रही हैं. उन्‍होंने बताया कि मैं यहां स्‍वरोजगार पाने के लिए प्रशिक्षण ले रही हूं. यहां पर रहने और खानपान की निशुल्‍क व्‍यवस्‍था है. प्रशिक्षण के दौरान सिलाई की बारीक चीजों की जानकारी दी जा रही है.

प्रशिक्षु रिया नेगी ने बताया कि यहां पर प्रशिक्षण के बाद स्‍वरोजगार चलाकर अन्‍य महिलाओं को रोजगार दे सकते हैं. हमें सूट,सलवार,छोटे बच्‍चों के फ्रॉक जैसे कई कपड़े बनाना सिखाया जाता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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