- उत्तराखंड सरकार ने अवैध मदरसों को बंद करने और सरकारी पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा अनिवार्य करने का निर्णय लिया.
- मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 1 जुलाई 2026 के बाद अनियमित मदरसों का पंजीकरण रद्द करने की योजना की घोषणा की है.
- ऑपरेशन कालनेमि के तहत धार्मिक आड़ में धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है.
उत्तराखंड की सरकार ने राज्य के अवैध मदरसों पर एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऐलान कर दिया है कि अगर मदरसों का पाठ्यक्रम सरकारी बोर्ड के अनुरूप नहीं हुआ तो फिर उन पर ताला लगा दिया जाएगा. उन्होंने उत्तराखंड को देवभूमि बताते हुए मदरसों में अवैध गतिविधियों का केंद्र बताया है.
पढ़ाई का नहीं था स्तर
सीएम पुष्कर धामी ने मदरसों पर एक बड़ा फैसला लिया है. उनका कहना है कि उत्तराखंड देवभूमि है जहां हर जगह देवस्थान, नदियां, पर्वत और ग्लेशियर नजर आएंगे. हम चाहते हैं कि यहां के नौनिहालों को सही संस्कार और शिक्षा मिले. कई मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे थे और उनमें पढ़ाई का स्तर मानक के अनुरूप नहीं था. हमारी प्राथमिकता बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है.
उनका कहना है कि कई मामलों में, छात्रों की पहचान संदिग्ध थी—कुछ में तो बांग्लादेश या रोहिंग्या जैसे लोग भी पाए गए. वहीं कई मदरसों में पढ़ाई का पाठ्यक्रम सरकारी बोर्ड के अनुरूप नहीं था. इसलिए सरकार ने 250 से ज्यादा अवैध मदरसों को बंद किया और यह सुनिश्चित किया कि बच्चों को सरकारी बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षा मिले. उन्होंने बताया कि 1 जुलाई 2026 के बाद, जो मदरसे ऐसा नहीं करेंगे उनका रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया जाएगा. सीएम धामी का कहना था कि सरकार का मकसद बच्चों को सही दिशा में शिक्षा देना है.
उत्तराखंड सरकार का 'ऑपरेशन कालनेमि'
साधु संतों की वेशभूषा धारण कर लोगों की ठगने वाले, पाखंड करने वाले, सनातन को बदनाम करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार का कड़ा कदम है. ऑपरेशन कालनेमि अभी भी चल रहा है और जो लोग धर्म के आड़ में लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें जेल भेजा जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि जो लोग देवभूमि उत्तराखंड, धार्मिक क्रियाकलापों के लिए आते हैं उनको ठगने का काम करने वाले ऑपरेशन कालनेमि के तहत आते हैं. ऐसे लोगों को उजागर करना और जेल भेजना ही इस ऑपरेशन का मकसद है. 6 हजार से ज्यादा मामलों की जांच की गई और गिरफ्तारी हुई.
नहीं हुआ पेपर लीक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि छात्र देश का भविष्य हैं और वह उन्हें किसी भी कीमत पर गर्मी में आंदोलन करने के लिए नहीं छोड़ सकता. मैं उनके बीच गया और उनकी पूरी बात सुनी, उनको संतुष्ट किया और सीबीआई जांच की सिफारिश की. लेकिन जिसको कुछ लोगों द्वारा पेपर लीक का नाम दिया गया वो पेपर लीक नहीं था बल्कि एक सेंटर पर एक शख्स की तरफ से एग्जाम सेंटर के अंदर से प्रश्नपत्र का फोंटो खीच कर भेजा गया था. सीएम धामी के अनुसार इस पर फौरन कार्रवाई की गई और आरोपियों को जेल भेज दिया.
धामी ने इसे इसे पेपर लीक मानने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि पेपर लीक तब माना जाता जब परीक्षा शुरू होने से पहले पहले पेपर बाहर आ जाता लेकिन ऐसा तो हुआ नहीं. उनका कहना था कि ये सब पूरी घटना को एक अलग रंग देने की कोशिश के तहत हुआ. उन्होंने दावा किया कि यह सारी कोशिश प्रदेश का माहौल खराब करने की साजिश के तहत की गई थी. धामी के अनुसार राज्य में 25 हजार लोगों को नौकरियां मिली और बिना किसी गड़बड़ी के मिलीं. इन सभी लोगों को योग्यता, प्रतिभा और क्षमता के आधार पर नौकरियां मिलीं.
आपदा को लेकर धामी सरकार का प्लान
सीएम धामी ने बताया कि उत्तराखंड में इस साल आपदा से भारी नुकसान हुआ है और उनका कहना था कि आपदाओं को रोका नहीं जा सकता. हालांकि आपदाओं के नुकसान से राहत जरूर दिलाई जा सकती है. वहीं मौसम के हालत के बारे में, लैंड स्लाइड के बारे में, बारिश के बारे में पूर्वानुमान की तकनीक ईजाद की जा सकती है जिससे बचा जा सके. उनका कहना था कि जो संस्थान इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उनसे बात की जा रहर है ताकि इस दिशा में आगे बढ़ कर कोई रिसर्च हो और नुकसान को कम किया जा सके. उनका कहना था कि राज्य का बहुत नुकसान हुआ है. इस साल प्रधानमंत्री, गृहमंत्री आपदा में प्रदेश के साथ खड़े रहे. प्रधानमंत्री तो उत्तराखंड भी आए और उन्होंने मीटिंग की और जानकारी ली. साथ ही पीएम ने आपदा पीड़ितों से मुलाकात भी की.
शीतकालीन यात्रा को लेकर तैयारी
सीएम धामी ने बताया कि चार धाम यात्रा इस समय दूसरे चरण की चल रही है. तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में यहां आ रहे हैं. शीतकालीन यात्रा की सभी तैयारियां पूरी हैं. शीतकालीन यात्रा की सरकार की तरफ से सभी तैयारियां हैं. उनका कहना था कि इस बार भी शीतकालीन यात्रा शानदार होने वाली है जिससे आने वाले किसी भी यात्री को कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सभी लोग सुरक्षित तरीके से चार धाम यात्रा और शीतकालीन यात्रा कर सकते हैं.
मदरसा बोर्ड हुआ भंग
वहीं सीएम धामी ने इस बात से भी इनकार कर दिया कि उन्होंने अपनी इमेज को चमकाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे. धामी के मुताबिक विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य के लिए ऐतिहासिक और जरूरी फैसले लिए हैं. सीएम धामी ने गिनाया कि सरकार ने यूसीसी का कानून बनाया, अवैध अतिक्रमण हटाया, मदरसा बोर्ड भंग करने का फैसला किया क्योंकि उसमें संदिग्धों की संख्या बढ़ रही थी. उनका कहना था कि मदरसा बोर्ड बांग्लादेशियों का ठिकाना बन गया था. साथ ही राज्य में चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि की बड़ी तारीफ हुई. उनका कहना था कि एक हजार करोड़ के विज्ञापन का मामला किसी मुखपत्र के जरिये उठाया गया था. धामी ने गिनाया कि कैसे पिछले चार सालों में कई इवेंट्स हुए हैं , इन्वेस्टर समिट के आयोजन से लेकर चार धाम यात्रा तक का आयोजन हुआ जिसने इस साल चार लाख का आंकड़ा छू लिया है.