पूरा देश रविवार को जब गणतंत्र का जश्न मना रहा था, तो ठीक उस वक्त उत्तराखंड के रुड़की में 'गनतंत्र' का शर्मनाक ड्रामा चल रहा था. खानपुर से बीजेपी के पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन ने अपने कट्टर विरोधी और मौजूदा निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के ऑफिस पर जो कुछ किया उसे पूरा देश सन्न रह गया. तिरंगे के साए में गोलियों की धांय धांय से पूरा रुड़की सहम गया. लेकिन कुछ देर में इसका पार्ट टू भी देखने को मिला. गुस्से में उबलते विधायक उमेश कुमार हाथ में पिस्तौल लिए प्रणव कुमार का पीछा करने दौड़ पड़े. और हैरत की बात यह कि पुलिस उन्हें समझाती-मनाती दिखी. और इससे भी शर्मनाक तस्वीर तब सामने आई जब उत्तराखंड पुलिस प्रणव चैंपियन की गिरफ्तारी के नाम पर हाथ पीछे बांधे उनकी मेजबानी करती नजर आई. पढ़िए गणतंत्र पर पूरे देश को शर्मसार करने वाले पूर्व विधायक और मौजूदा विधायक के गैंगवॉर की यह पूरी कहानी...
सोशल मीडिया पर दो पक्षों के बीच शुरू हुई नोकझोंक और टिका टिप्पणी क्या किसी दिन गैंगवार का रूप ले सकती है. अगर आपको लगता है कि ऐसा नहीं हो सकता तो एक बार हरिद्वार में पूर्व विधायक और मौजूदा विधायक और उनके समर्थकों के बीच जो कुछ हुआ उसे जान लें. दरअसल हुआ कुछ यूं था कि खानपुर विधानसभा में विधायक और पूर्व विधायक के बीच बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर बहस चल रही थी. इस बहस में विधायक महोदय के साथ-साथ उनके समर्थक भी शामिल थे. लेकिन रविवार को एकाएक सोशल मीडिया पर चल रही ये बहस सड़क पर बड़े बवाल के रूप में सामने आ गई. और ऐसा लगा कि दोनों गुटों के बीच कोई गैंगवॉर छिड़ गया है.
पूर्व विधायक और भाजपा नेता कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपने समर्थकों के साथ मौजूदा विधायक उमेश कुमार के दफ्तर पर पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं. इस फायरिंग की सूचना जब खानपुर के मौजूदा विधायक उमेश कुमार को चली तो वह हाथ में पिस्तौल लेकर दौड़ पड़े. उनका यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.
इस वजह से हुई थी ये घटना
बीते काफी समय से खानपुर के वर्तमान विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन के बीच एक दूसरे को डराने और धमकाने का सिलसिला जारी है. शनिवार से पहले तक दोनों के बीच जारी ये बहस और तनातनी सोशल मीडिया तक ही सीमित थी लेकिन शनिवार को इसने सोशल मीडिया से निकलकर सड़क पर संग्राम का रूप ले लिया. बताया जा रहा है कि उमेश कुमार चैंपियन की एक पोस्ट को लेकर शनिवार रात को उनके लंढौर स्थित घर पर समर्थकों के साथ पहुंचे थे. चैंपिनय जब वहां नहीं मिले तो उमेश अपने समर्थकों के साथ वापस लौट आए. रविवार को इसी बात का बदला लेने के लिए चैंपियन अपने समर्थकों के साथ उमेश के ऑफिस में धमक गए.
'मित्र पुलिस' ने चैंपियन को किया गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर प्रणव चैंपियन की गिरफ्तारी ही चर्चा की विषय बनी हुई है. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार तो किया, लेकिन मेजबानी करते हुए. चैंपियन के गिरफ्तारी के वीडियो में वह थाने के बाहर दिख रहे हैं और उन्हें चारों तरफ से पुलिस अधिकारी घेर कर खड़े हैं. इस वीडियो में पुलिस वालों की जो बॉडी लैंग्वेज दिख रही है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि मानो वह उनकी मेजबानी कर रहे हों. पुलिसवाले हाथ पीछे किए चैंपियन की बातें सुनते दिख रहे हैं. चैंपियन पुलिस अफसरों से कहते सुने जा सकते हैं कि चलो मैं अब अपनी गाड़ी भेज देता हूं. इसपर कोई उनसे कहता है कि आप थाने के अंदर तो जाइये आप तो ऐसे बर्ताव कर रहे हैं कि आपको गिरफ्तार ही नहीं किया गया. वीडियो चैंपियन पुलिस अधिकारियों से हाथ मिलाते और हंसी मजाक करते हुए भी दिख रहे हैं.
हालांकि हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि मामले में भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चैंपियन को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि चैंपियन की ओर से मिली तहरीर के आधार पर विधायक उमेश कुमार के खिलाफ भी एक मुकदमा दर्ज किया गया है तथा उन्हें और उनके समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया है.दोनों ही पक्षों के असलहों के लाइसेंस को निलंबित करने की सिफारिश हरिद्वार के जिलाधिकारी से की गई है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें दी गई सुरक्षा पर फिर से विचार करने का आग्रह भी किया है. डोभाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
प्रणव चैंपियन का बवाल नया नहीं
बीजेपी नेता प्रणव सिंह चैंपियन खानपुर के पूर्व विधायक हैं. उन्हें पुलिस ने खानपुर के मौजूदा विधायक उमेश कुमार के ऑफिस पर फायरिंग करने के लेकर गिरफ्तार किया है. आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब चैंपियन गोली चलाने की वजह से सुर्खियों में आए हैं. कुछ साल पहले भी उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. उस दौरान वह हाथ में ऑटोमेटिक हथियार और तमंचा लेकर नाचते हुए देखे गए थे. तमंचा लहराने की वजह से उनकी विधायकी भी चली गई थी.
कब कब सुर्खियों में रहे चैंपियन
- 2006 में पूर्व विधायक चैंपियन ने बहादरबाद में साइड ना देने पर रोडवेज बस ड्राइवर पर फायरिंग कर दी थी.
- 2010 में उन्होंने मंगलौर में एक कार्यक्रम के दौरान आवेश में आकर गोली चला दी थी.
- 2013 में उन्होंने तत्कालीन मंत्री हरक सिंह के घर पर डिनर पार्टी के बाद मौज मस्ती में गोली चला दी थी. इस घटना में एक शख्स घायल भी हो गया था.
- 2017 में विधायक रहते उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में हाथ में पिस्तौल लेकर डांस करते हुए वायरल हुए थे. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था.
- 2019 में उत्तराखंड सदन में टीवी चैनल के पत्रकार को थप्पड़ मार दिया था. हालांकि, उन्होंने अपने पर लगे इस आरोप को गलत बता दिया था.
कौन हैं उमेश कुमार
उमेश कुमार 2022 के विधानसभा चुनाव में खानपुर सीट से विधायक चुने गए थे. वह उस चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार देव्यानी सिंह को हराकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. उमेश कुमार की चर्चा उस समय और बढ़ गई जब उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान सीएम हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण में अहम भूमिका निभाई थी. इस मामले में एकाएक उन्हें राजनीति के गलियारों में रातोंरात मशहूर कर दिया था. राजनीति में अपना करियर शुरू करने से पहले उमेश कुमार पत्रकार के तौर पर काम करते थे.
'मैं महल में आग लगा दूंगा...'
अपने दफ्तर पर हुए हमले के बाद उमेश कुमार ने कहा कि सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए. ये सरेआम गुंडागर्दी कर रहा है. आदमी जब अपनी हार से बौखला जाता है तो वो ऐसा ही करता है. ये सिर्फ पागलपन है. वो अपने आप आए और गोलियां चलाकर गए हैं. अगर पुलिस प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की और इसे गिरफ्तार नहीं किया तो मैं शाम में इसके महल में आग भी लगाऊंगा.