माणा में ग्लेशियर टूटा, बद्रीनाथ में कभी नहीं देखी होगी ऐसी बर्फ

अप्रैल, मई और जुलाई के शुरुआती महीनों में बद्रीनाथ धाम मंदिर में आमतौर पर गर्मी का मौसम होता है. यह पर्यटकों के लिए भी सबसे अच्छा मौसम होता है, क्योंकि इसी समय मंदिर के दरवाजे तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुलते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

उत्तराखंड के चमोली के माणा गांव में शुक्रवार को एक ग्लेशियर टूटा है. यही रास्ता बद्रीनाथ की ओर जाता है.  ग्लेशियर टूटने के बाद इसकी चपेट में आने से बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के 57 मजदूर दब गए. 16 मजदूरों को बचा लिया गया है. 41 अब भी फंसे हुए हैं. जानकारी के अनुसार, सभी मजदूर भारत-चीन सीमा के पास स्थित चमोली के माणा गांव के पास बीआरओ के निर्माण कार्य में लगे हुए थे. इसी दौरान अचानक ग्लेशियर टूट गया.

बताया जा रहा है कि हादसे की सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन, आईटीबीपी और बीआरओ की टीम मौके पर पहुंच गई हैं और बर्फ में दबे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताया है. 

उत्तराखंड में बीते 24 घंटों से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बर्फबारी को लेकर अलर्ट भी जारी किया है. आईएमडी के मुताबिक, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग समेत अन्य जिलों में बारिश और बर्फबारी की स्थिति अभी बनी रहेगी.

अप्रैल, मई और जुलाई के शुरुआती महीनों में बद्रीनाथ धाम मंदिर में आमतौर पर गर्मी का मौसम होता है. यह पर्यटकों के लिए भी सबसे अच्छा मौसम होता है, क्योंकि इसी समय मंदिर के दरवाजे तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुलते हैं. इस समय मौसम बहुत ही सुहाना, आरामदायक और साफ होता है जो पवित्र तीर्थस्थल की यात्रा के लिए एकदम सही समय है. बद्रीनाथ में अक्टूबर के अंत तक भारी बर्फ़बारी होती है. बद्रीनाथ में सर्दियों का मौसम अक्टूबर से अप्रैल तक रहता है. इस दौरान दिन बहुत ठंडे होते हैं और तापमान शून्य से नीचे चला जाता है.  हालांकि, ऐसी बर्फबारी बद्रीनाथ में कभी नहीं हुई. 

Featured Video Of The Day
एक Catch और सीधा ICU! Shreyas Iyer के साथ Sydney में उस दिन क्या-क्या हुआ था? | Ind vs Aus 3rd ODI