उत्तराखंड के चारधामों में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. कपाट खुलते ही 'जय बदरी विशाल' के जयकारों से संपूर्ण धाम गूंज उठा और वातावरण भक्तिमय हो गया. इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. सीएम धामी ने इस दौरान श्रद्धालुओं से मुलाकात कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जय श्री बदरी विशाल. वेदों, पुराणों और संतों की वाणी में बार-बार वर्णित भगवान श्री हरि के भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान से खोले जा रहे हैं.
श्री बदरीनाथ धाम भक्ति, तपस्या और मोक्ष की भूमि है. यहां हर कण में दिव्यता समाई है और हर शिला पर श्री हरि की छाया है. आप भी इस बार चारधाम यात्रा में देवभूमि उत्तराखंड अवश्य पधारें और आस्था, श्रद्धा और अध्यात्म से परिपूर्ण इस दिव्य अनुभूति का हिस्सा बनें.
गौरतलब है कि इससे पूर्व 2 मई को ही केदारनाथ धाम के कपाट भी पूजा-अर्चना के साथ खोले गए जबकि अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए. इस प्रकार चारधाम यात्रा अब विधिवत रूप से प्रारंभ हो गई है और श्रद्धालु अगले छह महीनों तक भगवान केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के दर्शन कर सकेंगे.
इस खास मौके पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया, जो आस्थावानों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बद्रीनाथ मंदिर को 40 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है, 25 क्विंटल मंदिर के बाहर और 15 क्विंटल मंदिर के अंदर फूलों से सजाया जा रहा है. सुबह 5:30 बजे से द्वार पूजन शुरू हुआ और ठीक 6 बजे कपाट दर्शनार्थ खोल दिए गए. यह पल भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक था, जब वे श्री हरि बद्री विशाल के दर्शन कर सकेंगे. हर साल की तरह, इस बार भी लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुंचने की तैयारी में हैं और प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं.
आपको बता दें कि तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए 1 मई को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ और अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) वी मुरुगेसन ने बद्रीनाथ धाम का दौरा किया. उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, संचार प्रणालियों और भीड़ नियंत्रण उपायों सहित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की गहन समीक्षा की. अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ विचार-विमर्श किया और तीर्थ मार्ग के प्रमुख बिंदुओं का निरीक्षण कर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
उत्तराखंड पुलिस ने तीर्थयात्रा के मौसम में अपेक्षित भारी भीड़ को प्रबंधित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और तकनीकी सहायता तैनात की है. यात्रा मार्ग पर यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने और श्रद्धालुओं को सहज अनुभव प्रदान करने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन का लक्ष्य है कि लाखों श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर सकें.
बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु बद्री नारायण के रूप में विराजमान हैं. यहां उनकी एक मीटर ऊंची काले पत्थर की स्वयंभू मूर्ति स्थापित है, जिसे आदि शंकराचार्य ने नारद कुंड से निकालकर स्थापित किया था. यह मूर्ति भगवान विष्णु की आठ स्वयं प्रकट प्रतिमाओं में से एक मानी जाती है. मूर्ति को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान पद्मासन मुद्रा में ध्यानमग्न हैं. उनके दाहिनी ओर कुबेर, लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां भी स्थापित हैं. मंदिर में केवल दीयों की रोशनी दिखाई देती है, जो इस पवित्र स्थल की शांति और आध्यात्मिकता को और बढ़ाती है.