योगी आदित्यनाथ ने श्रीलंका में रामायण कालीन स्थलों को विकसित किए जाने की इच्छा व्यक्त की

मुख्यमंत्री ने श्रीलंका में रामायणकालीन विभिन्न स्थलों को विकसित करने के संबंध में चर्चा की और कहा कि इससे उत्तर प्रदेश सहित अधिक से अधिक भारतीय नागरिक पर्यटन के लिए श्रीलंका जा सकेंगे.

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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीलंका में रामायण कालीन विभिन्न स्थलों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए बुधवार को कहा कि ऐसा होने से उत्तर प्रदेश से ज्यादा से ज्यादा लोग पर्यटन के लिए श्रीलंका जा सकेंगे. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर श्रीलंका के उच्चायुक्त अशोक मिलिंडा मोरागोडा से भेंट में श्रीलंका और भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने, सांस्कृतिक एवं पर्यटन के क्षेत्रों में अधिक सहयोग करने के संबंध में विचार-विमर्श किया.

मुख्यमंत्री ने श्रीलंका में रामायणकालीन विभिन्न स्थलों को विकसित करने के संबंध में चर्चा की और कहा कि इससे उत्तर प्रदेश सहित अधिक से अधिक भारतीय नागरिक पर्यटन के लिए श्रीलंका जा सकेंगे. श्रीलंका के उच्चायुक्त ने विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने मुख्यमंत्री को वाराणसी हवाई अड्डे पर लगाने के दो कलाकृतियां और अशोक वाटिका की एक शिला भेंट की. उन्होंने उत्तर प्रदेश में श्रीलंका से संजीवनी बूटी के पौधे लाकर लगाने की बात भी कही.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक संबंध हैं. श्रीलंका में स्थित रामायणकालीन स्थल भारत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के साथ इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाते हैं. उन्होंने अशोक वाटिका की एक शिला लेकर आने के लिए उच्चायुक्त के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीलंका में भगवान श्रीराम की स्मृतियों से जुड़े अनेक पावन स्थान हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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