गैंग रेप की झूठी कहानी और खुद के सीने में प्लांट करवाई गोली, महिला ने क्यों किया ये सब

बरेली पुलिस का मानना है कि इस महिला ने 2022 में बरेली के एक जनप्रतिनिधि पर झूठा मुकदमा लिख दिया था. इसकी 25 तारीख को डेट थी जिसमें 182 की कार्रवाई होने की आशंका थी. इस डर से इस महिला ने यह झूठी कहानी बनाई जिससे की वह जेल जाने से बच सके.

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बरेली:

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक महिला ने ऐसा प्लान बनाया जिसे देख कर अच्छे अच्छे चक्कर खा जाए. लेकिन बरेली पुलिस की समझदारी से ये फुलप्रूफ प्लानिंग का पर्दाफाश हो गया. इस शातिर दिमाग के साथ किया गए अपराध को पुलिस ने सबके सामने ला दिया.

बरेली में एक महिला ने पहले तो अपने सीने में गोली को प्लांट करवाया, फिर सीने को गर्म सिक्के से जलाया और अपने ही अपहरण गैंगरेप और गोली कांड की झूठी कहानी बना दी. पूरे बरेली के पुलिस प्रशासन को हिला के रख दिया. कई थानों की फोर्स इस मामले की जांच में लग गई. घटना की सच्चाई कुछ दिन बाद सामने आ गई तो अधिकारी भी हैरान रह गए. महिला ने बनाई थी अपने ही गैंगरेप की झूठी कहानी.

कुछ दिन पहले बरेली में एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसका अपरहण और गैंगरेप के बाद उसे गोली मार दी गई थी. ये पूरी कहानी ही झूठी निकली. पुलिस के अनुसार इस महिला ने जिला अस्पताल के एक कर्मचारी और संजयनगर के एक झोलाछाप डॉक्टर की मदद से अपने सीने में गोली प्लांट कराई थी. फिलहाल इस पूरे मामले में बरेली पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है.

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बरेली पुलिस का मानना है कि इस महिला ने 2022 में बरेली के एक जनप्रतिनिधि पर झूठा मुकदमा लिख दिया था. इसकी 25 तारीख को डेट थी जिसमें 182 की कार्रवाई होने की आशंका थी. इस डर से इस महिला ने यह झूठी कहानी बनाई जिससे की वह जेल जाने से बच सके.

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29/30 मार्च की रात बरेली के गांधी उद्यान के पास महिला को गोली लगने की सूचना पुलिस को मिली थी. अगले दिन महिला की भतीजी ने कोतवाली में तहरीर दी, जिसमें बताया गया कि महिला 300 बेड अस्पताल के पास एक मेडिकल स्टोर से दवा लेकर निकल रही थी, तभी वहां पर एक काली कार में सवार पांच युवकों ने उसका अपहरण कर गैंगरेप किया. इस घटना के बाद उसे गांधी उद्यान के पास गोली मारकर फेंक दिया गया.

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इस पूरे मामले में घटना की जांच कर रही पुलिस को शुरू से ही कहानी पर शक था. जब मेडिकल रिपोर्ट की गहराई से जांच की गई, तो पता चला कि महिला को जो गोली लगी थी. वह फायरआर्म इंजरी नहीं थी. बल्कि उसके शरीर में एक ऑपरेशन के जरिए गोली डाली गई थी. इसी जख्म पर गोली के जख्म का सर्जिकल कट भी मिला. पुलिस ने जब सीसीटीवी चेक किया तो वह महिला उस दिन घटना के समय ऑटो में बैठी हुई देखी गयी थी.

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पुलिस का कहना है कि पूछताछ में महिला ने कबूल किया कि उसने पहले एक जनप्रतिनिधि और उसके बेटे को ब्लैकमेल किया था और  इस बार फिर से फंसाने के इरादे से उसने यह साजिश रची थी. साथ ही साथ पिछले मामले में उसे जेल जाने का डर था जिसकी इस महीने कोर्ट में तारीख थी  जिसमें उसके खिलाफ फैसला आने की उम्मीद थी. तीनो मुल्जिमो के अलावा और लोगों के संलिप्तता की उमीद जताई जा रही है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है.

रणदीप सिंह की रिपोर्ट

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