संभल में 1978 के दंगे पर सियासी दंगल! BJP-सपा में जुबानी जंग जारी

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले ही 1978 में संभल में हुए दंगे की जांच के आदेश दिए थे. उस दौरान संभल में हुए दंगों में 184 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 169 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
संभल को लेकर बीजेपी और सपा आमने-सामने
लखनऊ:

संभल हिंसा को लेकर अब राजनीति और तेज होती दिख रही है. इस पूरे मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पलटवार किया है. बीजेपी के अनुसार संभल में जिन लोगों का नरसंहार हुआ उन्हें इंसाफ दिलाना जरूरी है. उन्हें आज भी इंसाफ का इंतजार है.संभल हिंसा के बाद जो हालात बने हैं उसे लेकर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि   क्या आप उत्तर प्रदेश की हमारी जनता को ये बताना चाहेंगे कि उस दौरान मुख्यमंत्री कौन थे. मैं आपको बता दूं कि 1978 में राम नरेश यादव मुख्यमंत्री थे उन्हें उस दौर में जनसंघ का समर्थन हासिल था. उस दौरान वरुण कल्याण मंत्री थे. 1978 में अगर हिंदुओं के साथ कोई जुल्म हुआ तो आज जो ये भाजपा के नेता हैं जो उस दौर में जनसंघ में हुआ करते थे, वो खामोश क्यों थे. उन्होंने कहा कि उनसे पूछिए कि वो क्यों खामोश थे. 1978 के बाद यूपी में छठी बार आपकी सरकार है. क्या आपको आज तक किसी ने रोका था आपको जांच बिठाने के लिए.   

'अभी इंसाफ होना बचा है'

समाजवादी पार्टी के आरोपों से इतर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि संभल में बहुत कुछ छिपाया गया था. संभल में खुदाई से  बहुत सारे तथ्य निकलकर सामने आए हैं. बहुत से इतिहास के वो पन्ने खुल गए हैं जिनमें अत्याचार की गाथाएं हैं.जिसमें मासूम लोगों की नरसंहार हैं, हत्याएं हैं. और इन मामलों की जांच किया जाना, दोषियों को सजा दिलाना और पीड़ितों को न्याय दिलाना अभी भी बाकि है. अगर इन बातों को लेकर आवाज उठाई जा रही है तो इसे जरूर सुना जाना चाहिए. पीड़ित अभी ही न्याय की आस में बैठे हैं. उन्हें उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा.

यूपी सरकार ने दिए हैं जांच के आदेश 

यूपी सरकार ने 1978 में हुए संभल दंगे की फिर से जांच कराने का आदेश जारी किया है. आपको बता दें कि 1978 में हुए इस दंगे में 184 लोग मारे गए थे. यूपी सरकार को लगता है कि 46 साल पहले हुए उस दंगे की जांच सही से नहीं कराई गई थी. योगी सरकार का मानना है कि उस दौरान जांच पूरी करते समय हिंदुओं के साथ भेदभावल किया गया था. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब गृह विभाग की तरफ से संभल के डीएम और एसपी को चिट्ठी भेज दी गई है. इस दंगे में 169 मुकदमें दर्ज हुए थे. 

Advertisement

सीएम योगी ने विधानसभा में दिया था बयान

सीएम योगी ने बीते दिनों विधानसभा में कहा था कि 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया था. अनवरत कई महीनों तक कर्फ्यू लगा. 1980-1982 में दंगा और एक-एक की मौत हुई. 1986 में चार लोग मारे गए. 1990-1992 में पांच, 1996 में दो मौत हुई. लगातार यह सिलसिला चलता रहा. मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था कि 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई और एक भी बार निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे. घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोग निर्दोष हिंदुओं के बारे में दो शब्द नहीं कहे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि संभल में बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है. 1978 से उस मंदिर को इन लोगों ने खुलने नहीं दिया.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Abbas Ansari पर Action तो Judges पर भड़के Akhilesh Yadav! | UP Politics | NDTV India
Topics mentioned in this article