'वक्फ बोर्ड की बता रहे थे जमीन, अब कागजात ही निकले फर्जी...', संभल में नई पुलिस चौकी की जमीन को लेकर ये बवाल क्या है

संभल में बन रही नई पुलिस पोस्ट की जमीन को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे थे. AIMIM प्रमुख अवौसी ने इस जमीन को वक्फ बोर्ड की बताई थी.

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संभल में बन रहा है नया पुलिस पोस्ट
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश का संभल पिछले साल हुई हिंसा के बाद से ही चर्चाओं में बना हुआ है. प्रशासन ने सुरक्षा व्यस्था को और पुख्ता करने के लिए संभल के जामा मस्जिद के पास ही एक नया पुलिस पोस्ट बना रहा है. इस नए पुलिस पोस्ट को लेकर भी कुछ दिन से विवाद चल रहा है. जिस जमीन पर इस पोस्ट को बनाया जा रहा है उसे लेकर तरह-तरह की दलीलें सामने आई थी. कहा जा रहा था कि इस पुलिस प्रशासन जिस जमीन पर नई पोस्ट तैयार कर रही है वो वक्फ बोर्ड की जमीन है. लेकिन अब उस जमीन को लेकर जो कागजात सामने आए हैं प्रशासन ने उसे फर्जी बताया है. इस मामले की जांच संभल प्रशासन ने तीन सदस्य टीम से करवाई थी, जिसके बाद ही फर्जी करार दिया गया है. अब इस मामले में संभल प्रशासन ने फर्जी कागजात पेश किए जाने को लेकर भी मामला दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने धारा 419, 420, 467 और 471 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा किया है. यह मामला नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी मणिभूषण तिवारी की तरफ से दर्ज कराया गया है. 

नई पुलिस चौकी को लेकर हो रही थी राजनीति

इस पुलिस चौकी को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. AIMIM के मुखिया ने संभल की जामा मस्जिद के पास बन रही इस नई चौकी का यह कहते हुए विरोध किया है कि ये चौकी वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनाई जा रही है. साथ ही ओवैसी ने कहा कि संरक्षित स्मारकों के पास कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता है.औवैसी ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट भी किया था. 

डीएम ने दिया था जवाब 

औवैसे के इन आरोपों पर डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा था कि हमारे पास कोई कागज लेकर नहीं आया.जो पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है वो नगर पालिका की जमीन पर है.जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है.इस जमीन को लेकर अभी तक कोई प्रभावी पक्षकार सामने नहीं आया है. सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन वक्फ की संपत्ति नहीं है. 

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क्या कहता है मुस्लिम समाज

जामा मस्जिद के पास पुलिस की चौकी बनाए जाने को लेकर संभल रहने वाले मुस्लिम समुदायों ने अपना पक्ष भी रखा है. संभल के फिरोज खान ने कहा कि पुलिस चौकी किसी एक वर्ग का नहीं होना चाहिए.उसका जो नाम है उसे भी लोगों से बैठकर सामांजस के साथ तय होना चाहिए.हम चाहते हैं कि जब पुलिस चौकी का उद्घाटन हो तो सभी लोग उसमें शामिल हों,जहां तक बात पुलिस चौकी के निर्माण की है तो देखना चाहिए कि ये जमीन किसकी है. अगर सरकारी ज़मीन नहीं है तो उसको प्रशासन को देखना चाहिए.

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वहीं, मौलाना फैजान अशरफ ने कहा कि संभल को किसी की नजर लग गई है. कुछ लोगों के चलते संभल का अमन चैन खराब हुआ है लेकिन सौहार्द पूर्ण माहौल है.हिन्दू-मुसलमान मिलकर रहते हैं.चौकी अगर मस्जिद की सुरक्षा के लिए है तो ठीक है.हमें कोई एतराज नहीं है, बस उसकी जमीन पर जो विवाद है उसे प्रशासन को देखना चाहिए.

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