- मेरठ में बीजेपी नेता विकुल चपराणा ने व्यापारी सत्यम रस्तोगी की पिटाई कर नाक रगड़वाने का आरोप लगाया गया है.
- मामले में पुलिस ने विकुल चपराणा समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और बाद में विकुल को जमानत मिली थी.
- बीजेपी ने विकुल चपराणा को पद से हटा दिया और वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की.
यूपी के मेरठ में व्यापारी सत्यम रस्तोगी के घुटने टिकवाकर नाक रगड़वाने के आरोप में बीजेपी नेता विकुल चपराणा के साथ-साथ जेल गए तीन आरोपियों को बेकसूर बताकर उनकी रिहाई की मांग जोर पकड़ रही है. इस मसले को लेकर गुर्जरों ने मेरठ में पंचायत की और पुलिस प्रशासन को सात दिन का अल्टीमेटम दे डाला है, मेरठ के डीएम और कप्तान के बंगले पर भी गाय भैंस बांधने की चेतावनी दे डाली है.
क्या है मामला
दरअसल, मेरठ में यूपी के उर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेन्द्र तोमर के ऑफिस के नीचे उनके खासमखास और बीजेपी किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष रहे विकुल चपराणा ने व्यापारी सत्यम रस्तोगी की पिटाई कर सड़क पर नाक रगड़वाई. मंत्री डॉ सोमेन्द्र तोमर का नाम लेकर व्यापारी को धमकाया ही नहीं, बल्कि भद्दी-भद्दी गालियां दीं. मामला तूल पकड़ा तो इस मामले में बीजेपी नेता विकुल चपराणा को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसे जमानत दे दी गई.
प्रभारी मंत्री क्या बोले
इस मामले को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जताई तो पुलिस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. विकुल चपराणा की भी गिरफ्तारी दोबारा हुई और पुलिस ने उसे जेल भेज दिया. बीजेपी ने विकुल को पद से हटा दिया. अब तीन आरोपियों को बेकसूर बताकर मेरठ के काजीपुर में गुर्जरों ने पंचायत की है. हालांकि इस मसले पर जब मेरठ के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिसने गलती की, पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की, जो गलती करेगा उसे दण्ड मिलेगा.














